शनिवार, 4 अप्रैल 2009

फिर उसी की याद आई है

फिर वही शाम
वही तनहाई है
उसे भुलाने की कसम खाई थी मगर
फिर उसी की याद आई है ।।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लाइनों ने इस गाने की याद करा दी

    फिर वही शाम, वही गम, वही तन्हाई है
    दिल को बहलाने तेरी याद चली आयी है

    जवाब देंहटाएं
  3. हिन्दी चिटठा जगत में आपका स्वागत है , ऐसे ही अपनी लेखनी से हमें परिचित करते रहें

    धन्यवाद
    मयूर दुबे
    अपनी अपनी डगर
    achha hai

    जवाब देंहटाएं